इश्क़ में एक मलाल रह गया
पूछना था जो, सवाल रह गया
आये थे वो मुसाफ़िर की तरह
निशानी का बस, रुमाल रह गया
ख़्याल आया था तुझसे मिलने का
लगता है वो ख़्याल ख़्याल रह गया
करता हूं याद उन गुज़रे लम्हों को
रिश्ता इतना सा फ़िलहाल रह गया
याद आये तो मिलना मुझसे
कितना तन्हा ये साल रह गया
Waah..
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धन्यवाद 🙏
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Waaah
Kya baat
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