राधे
तुमसे ‘प्यार’ ना करूँ,
तो कैसे ना करूँ
तुमसे बढ़कर कोई ‘प्यारा’,
लगे तो सही
तुमसे ‘बात’ ना करूँ,
तो कैसे ना करूँ
किसी और बात में ‘मन’,
लगे तो सही
तुम बिन बहलाऊँ,
तो कैसे बहलाऊँ ‘मन’
तुम बिन मन का ‘मन’,
कहीं लगे तो सही
राधे
तुमसे ही है शब ‘शब’ मेरी,
सहर ‘सहर’ भी
तुम बिन दिन ‘दिन’,
रात ‘रात’ लगे तो सही
राधे
तुम्हारे बिन ‘जिये’,
तो कैसे जिये
तुम्हारे बिन जीने में ‘जीना’,
लगे तो सही…..
💞🌹💞🌹राधे राधे श्याम मिला दे 💞🌹💞🌹

बेहतरीन रचना।👌👌
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