🙏माता पिता ही सब कुछ है🙏

Always love ur parents they always. Try to keep their. Children happy धयान से पढ़ना आँखों में पानी आ जाएगा.

बड़े गुस्से से मैं घर से चला आया ..

इतना गुस्सा था की गलती से पापा के ही जूते पहन के निकल गया
मैं आज बस घर छोड़ दूंगा, और तभी लौटूंगा जब बहुत बड़ा आदमी बन जाऊंगा …

जब मोटर साइकिल नहीं दिलवा सकते थे, तो क्यूँ इंजीनियर बनाने के सपने देखतें है …..
आज मैं पापा का पर्स भी उठा लाया था …. जिसे किसी को हाथ तक न लगाने देते थे …

मुझे पता है इस पर्स मैं जरुर पैसो के हिसाब की डायरी होगी ….
पता तो चले कितना माल छुपाया है …..
माँ से भी …

इसीलिए हाथ नहीं लगाने देते किसी को..

जैसे ही मैं कच्चे रास्ते से सड़क पर आया, मुझे लगा जूतों में कुछ चुभ रहा है ….
मैंने जूता निकाल कर देखा …..
मेरी एडी से थोडा सा खून रिस आया था …
जूते की कोई कील निकली हुयी थी, दर्द तो हुआ पर गुस्सा बहुत था ..

और मुझे जाना ही था घर छोड़कर …

जैसे ही कुछ दूर चला ….
मुझे पांवो में गिला गिला लगा, सड़क पर पानी बिखरा पड़ा था ….
पाँव उठा के देखा तो जूते का तला टुटा था …..

जैसे तेसे लंगडाकर बस स्टॉप पहुंचा, पता चला एक घंटे तक कोई बस नहीं थी …..

मैंने सोचा क्यों न पर्स की तलाशी ली जाये ….

मैंने पर्स खोला, एक पर्ची दिखाई दी, लिखा था..
लैपटॉप के लिए 40 हजार उधार लिए
पर लैपटॉप तो घर मैं मेरे पास है ?

दूसरा एक मुड़ा हुआ पन्ना देखा, उसमे उनके ऑफिस की किसी हॉबी डे का लिखा था
उन्होंने हॉबी लिखी अच्छे जूते पहनना ……
ओह….अच्छे जुते पहनना ???
पर उनके जुते तो ………..!!!!

माँ पिछले चार महीने से हर पहली को कहती है नए जुते ले लो …
और वे हर बार कहते “अभी तो 6 महीने जूते और चलेंगे ..”
मैं अब समझा कितने चलेंगे

……तीसरी पर्ची ……….
पुराना स्कूटर दीजिये एक्सचेंज में नयी मोटर साइकिल ले जाइये …
पढ़ते ही दिमाग घूम गया…..
पापा का स्कूटर ………….
ओह्ह्ह्ह

मैं घर की और भागा……..
अब पांवो में वो कील नही चुभ रही थी ….

मैं घर पहुंचा …..
न पापा थे न स्कूटर …………..
ओह्ह्ह नही
मैं समझ गया कहाँ गए ….

मैं दौड़ा …..
और
एजेंसी पर पहुंचा……
पापा वहीँ थे ……………

मैंने उनको गले से लगा लिया, और आंसुओ से उनका कन्धा भिगो दिया ..

…..नहीं…पापा नहीं…….. मुझे नहीं चाहिए मोटर साइकिल…

बस आप नए जुते ले लो और मुझे अब बड़ा आदमी बनना है..

वो भी आपके तरीके से …।।

“माँ” एक ऐसी बैंक है जहाँ आप हर भावना और दुख जमा कर सकते है…

और

“पापा” एक ऐसा क्रेडिट कार्ड है जिनके पास बैलेंस न होते हुए भी हमारे सपने पूरे करने की कोशिश करते है….….Always Love Your Parents💕

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💕Happy Baby Day💕

A child is one of the best possible things that can happen to a family. So there will always be tons of celebration and happiness towards childbirth. Today is a very special day for me and my family because God showers a very first baby boy .The arrival of a new baby is exciting –– newborns represent life, hope and the promise of love. He is as pure as an angel and as fresh as a blooming flower. This baby boy has a special way of bringing out the man in his father and the little boy in his grandfather. I love you forever. I’ll like you for always. As long as I’m living my baby you’ll be, because A man is not complete until he has seen the baby he has made my all good wishes and love will always with you my baby and I promise you to be with you on every moment of your life…..

😘 bare papa loves you soo much …..

🙏नया साल फिर से नई पहल है🙏

नए वर्ष में नई पहल हो।
कठिन ज़िंदगी और सरल हो।।
अनसुलझी जो रही पहेली।
अब शायद उसका भी हल हो।।
जो चलता है वक्त देखकर।
आगे जाकर वही सफल हो।।
नए वर्ष का उगता सूरज।
सबके लिए सुनहरा पल हो।।
समय हमारा साथ सदा दे।
कुछ ऐसी आगे हलचल हो।।
सुख के चौक पुरें हर द्वारे।
सुखमय आँगन का हर पल हो।।

नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं❤️😍🙏🙏

16yrs completed without any improvements 🤟🧑

Many people celebrates their special day to remember and enjoy their occasion again and again, but I am remembering 30 December as my freezing day, Life on a wheelchair or bed isn’t always easy, it is difficult to find hope or see a light ahead, but I promised myself that I will get stronger to handle so much of hard life like a fighter. Instead of all I lived my last 16 years on bed without any improvement but i am positive and hopeful for my future because when we choose hope anything is possible.
Its my point of view that Never let anyone tell you that you cannot do anything just because of your challenging health issue . It’s sometimes just a matter of figuring out how to do it in a new way.
Above all, never give up.
The human spirit is one of ability, perseverance and courage that no disability can steal away. One of our favorite ways to ignite this passion and jumpstart a happier lifestyle. On my this unforgettable day i am remembering some word said by a famous author and theoretical physicist named stephen Hawking : –

“My advice to other disabled people would be, concentrate on things your disability doesn’t prevent you doing well, and don’t regret the things it interferes with. Don’t be disabled in spirit as well as physically.” -Stephen Hawking.

#Zindagi ❤️🙏🌹🙏😍

ज़िन्दगी के लिए इक ख़ास सलीक़ा रखना
अपनी उम्मीद को हर हाल में ज़िन्दा रखना

उसने हर बार अँधेरे में जलाया ख़ुद को
उसकी आदत थी सरे-राह उजाला रखना

आप क्या समझेंगे परवाज़ किसे कहते हैं।
आपका शौक़ है पिंजरे में परिंदा रखना

बंद कमरे में बदल जाओगे इक दिन लोगो
मेरी मानो तो खुला कोई दरीचा रखना

क्या पता राख़ में ज़िन्दा हो कोई चिंगारी
जल्दबाज़ी में कभी पॉव न अपना रखना

वक्त अच्छा हो तो बन जाते हैं साथी लेकिन
वक़्त मुश्किल हो तो बस ख़ुद पे भरोसा रखना

वो जो महफ़िल में सुनते हैं💚💚💚💚💚💚💚💚💚💚💚

वो जो महफ़िल में सुनाते वफ़ा के किस्से
ऐसी क्या बात न जाने ख़फ़ा थे किस से
वो जो महफ़िल में सुनाते~~

नाम उनका लबों पर आने को ही था
झुकी पलकें ‘ओ’ क़रार होने को ही था
कई सदियों से जुदा थे तस्वीर के हिस्से
ऐसी क्या बात न जाने ख़फ़ा थे किस से
वो जो महफ़िल में सुनाते~~

आसमां सूना और ज़मीं गुम-सुम सी
फ़ासला इतना कि दूरी मीलों सी थी
वो जो संगदिल को लगाते सदा थे दिल से
ऐसी क्या बात न जाने ख़फ़ा थे किस से
वो जो महफ़िल में सुनाते~~

कौन जीता मुक़द्दर की बाज़ी यहाँ यारों
दिल जो टूटा ज़माने में कहें किससे यारों
वो जो औरों को मिलाते थे इससे-उससे
ऐसी क्या बात न जाने ख़फ़ा थे किस से
वो जो महफ़िल में सुनाते~~

ऐसी क्या चाह है जिसको मैं भुला न सका
ऐसी क्या दास्तां जग को मैं सुना न सका
चन्द पल में ही बने थे सदा-सदा के रिश्ते
ऐसी क्या बात न जाने ख़फ़ा थे किस से
वो जो महफ़िल में सुनाते~~
💚💚💚💚💚💚💚💚💚💚💚💚💚
💚💚💚💚💚💚💚💚💚💚💚💚💚

😍😍घूंघट मे छीपकर 😍😍

बादलों का चिलमन
चिलमन से छन कर आती चांदनी
ऐसा लगता है जैसे
घूंघट में छिप कर नज़रें मिलाती तुम
🍁🍁🍁🍁🌹🌹🍁🍁🍁🍁

मैंने — पिछली रात आसमान की सैर करते वक्त चूम लिया था चांद का माथा क्या…??
कि — सुना है शर्म से अगले रोज़ बादलों का ओढ़ के घूंघट बैठ गया छुप के महबूब से और ज़माने को दिखा ही नहीं

हां — उसने इक दफा पूछा था….;
बताओ तो…..क्या होता है शरमाना….??

सुनो — सुना है के बड़े हंसी हो तुम…..;
कब तलक देखोगे मुझे यूं पर्दानशीं होके….!
ज़रा सा सरका दो सर से ये दामन….;;
हम भी तो देख लें, तुम्हें फ़ना होके…..!!

“चिठ्ठियाँ”✉️✉️✍️✍️

चिठ्ठी…💌✍️

“खो गयी वो……”चिठ्ठियाँ”…✍️
जिसमें “लिखने के सलीके” छुपे होते थे
“कुशलता” की कामना से शुरू होते थे
बडों के “चरण स्पर्श” पर खत्म होते थे…!!"और बीच में लिखी होती थी "जिंदगी"

नन्हें के आने की “खबर”
“माँ” की तबियत का दर्द
और पैसे भेजने का “अनुनय”
“फसलों” के खराब होने की वजह…!! कितना कुछ सिमट जाता था एक "नीले से कागज में"...

जिसे नवयौवना भाग कर “सीने” से लगाती
और “अकेले” में आंखो से आंसू बहाती !

“माँ” की आस थी “पिता” का संबल थी
बच्चों का भविष्य थी और
गाँव का गौरव थी ये “चिठ्ठियां”

“डाकिया चिठ्ठी” लायेगा कोई बाँच कर सुनायेगा
देख देख चिठ्ठी को कई कई बार छू कर चिठ्ठी को
अनपढ भी “एहसासों” को पढ़ लेते थे…!!

अब तो “स्क्रीन” पर अंगूठा दौडता हैं
और अक्सर ही दिल तोडता है
“मोबाइल” का स्पेस भर जाए तो
सब कुछ दो मिनट में “डिलीट” होता है…

सब कुछ “सिमट” गया है 6 इंच में
जैसे “मकान” सिमट गए फ्लैटों में
जज्बात सिमट गए “मैसेजों” में
“चूल्हे” सिमट गए गैसों में

औरइंसानसिमटगएपैसों_में 💰💰🙏

🙏🏻🥰ममता का स्पर्श🥰🙏🏻

स्पर्श जैसा कि नाम से ही मां की ममता का एहसास ज़ाहिर होता है।
मां की ममता ने ही सिखाया जीवन का संघर्ष
जहां जहां भी जीवन है, वहां वहां मां का ही स्पर्श
सबसे सुखद स्पर्श अगर कोई है तो वो है मां की ममता का स्पर्श

सोच रहा हूं आज़ क्या लिखूं …..;
मां की ममता की छांव में छुपा बचपन
या आंचल के स्पर्श में छुपा वो सुकून
या फ़िर थपकी का वो एहसास
जो सारी थकान हर लेता है।।

पर वो तो मां है…..मेरे मुस्काते चेहरे के पीछे के दर्द को पहचान लेगी
वो आंखें मूंदकर भी अपने ममतामई स्पर्श से मेरे दर्द को पहचान लेती है।
ऐसे ही थोड़े नौ महीने मां की कोख में पल जाते हैं हम।

मां बस तेरा नाम ही मुकम्मल है
इससे बेहतर भी नज़्म भला कहां होगी 🙏मां 🙏

कितना भी लिखूं , उसके लिए कम है
सच ये है कि मां तू है तो हम हैं

मुझे देखती हुई मां की आंखें, सब कुछ देख लेती हैं !
मरूस्थल जैसी सूखी आंखों से मुझे लिखना है…;
रूदन का जल…;;
दुःख के वाक्यों को दुरूस्त करना है….!
मुझे देखती हुई मां की आंखें सबकुछ देख लेती हैं…!
कहती हैं…..;;
तेरे बदले मेरी आंखें रो लेंगी…..तू लड़ अपना संघर्ष कर शांतानु जीवन के हर स्पर्श मे मैं हू
✍️✍️✍️

🙏🏻🌹उल्टी यात्रा🌹🙏🏻

फ्री होकर प्यार से पढना आनंद आएगा उल्टी यात्रा

2022 से 1970 के दशक अर्थात बचपन की तरफ़ जो 50 को पार कर गये हैं या करीब हैं उनके लिए यह खास है🙏🏻🙏🏻🙏🏻

मेरा मानना है कि दुनिया में ‌जितना बदलाव हमारी पीढ़ी ने देखा है हमारे बाद की किसी पीढ़ी को “शायद ही ” इतने बदलाव देख पाना संभव हो
🤔🤔

हम वो आखिरी पीढ़ी हैं जिसने बैलगाड़ी से लेकर सुपर सोनिक जेट देखे हैं। बैरंग ख़त से लेकर लाइव चैटिंग तक देखा है और “वर्चुअल मीटिंग जैसी” असंभव लगने वाली बहुत सी बातों को सम्भव होते हुए देखा है।

🙏🏻 हम वो पीढ़ी हैं

जिन्होंने कई-कई बार मिटटी के घरों में बैठ कर परियों और राजाओं की कहानियां सुनीं हैं। ज़मीन पर बैठकर खाना खाया है। प्लेट में डाल डाल कर चाय पी है।

🙏 हम वो ” लोग ” हैं ?*l

जिन्होंने बचपन में मोहल्ले के मैदानों में अपने दोस्तों के साथ पम्परागत खेल, गिल्ली-डंडा, छुपा-छिपी, खो-खो, कबड्डी, कंचे जैसे खेल , खेले हैं ।

🙏हम आखरी पीढ़ी के वो लोग हैं ?

जिन्होंने चांदनी रात में डीबरी, लालटेन या बल्ब की पीली रोशनी में होम वर्क किया है और दिन के उजाले में चादर के अंदर छिपा कर नावेल पढ़े हैं।

🙏हम वही पीढ़ी के लोग हैं ?

जिन्होंने अपनों के लिए अपने हाल समाचार पोस्ट कार्ड, अंतर्देशीय, लिफाफा जैसे खतों में आदान प्रदान किये हैं और उन ख़तो के पहुंचने और जवाब के वापस आने में महीनों तक इंतजार किया है।

🙏हम उसी आखरी पीढ़ी के लोग हैं ?

जिन्होंने पंखे, कूलर, एसी या हीटर के बिना ही बचपन गुज़ारा है। और बिजली के बिना भी गुज़ारा किया है।

🙏हम वो आखरी लोग हैं ?

जो अक्सर अपने छोटे बालों में सरसों का ज्यादा तेल लगा कर स्कूल और शादियों में जाया करते थे।

🙏हम वो आखरी पीढ़ी के लोग हैं ?

जिन्होंने स्याही वाली दावात या पेन से कॉपी किताबें, कपडे और हाथ काले-नीले किये है। तख़्ती पर सेठे की क़लम से लिखा है और तख़्ती धोई है।

🙏हम वो आखरी लोग हैं ?

जिन्होंने टीचर्स से मार खाई है और घर में शिकायत करने पर फिर भी मार खाई है।

🙏हम वो आखरी लोग हैं ?

जो मोहल्ले के बुज़ुर्गों को दूर से देख कर नुक्कड़ से भाग कर घर आ जाया करते थे। और समाज के बड़े बूढों की इज़्ज़त डरने की हद तक करते थे।

🙏 हम वो आखरी लोग हैं ?

जिन्होंने अपने स्कूल के सफ़ेद केनवास शूज़ पर खड़ि या का पेस्ट लगा कर चमकाया है!

🙏हम वो आखरी लोग हैं

जिन्होंने गुड़ की चाय पी है। काफी समय तक सुबह कोयला पीसकर कपड़े में छानकर मंजन बनाकर फिर काला या लाल दंत मंजन या सफेद टूथ पाउडर इस्तेमाल किया है और कभी कभी तो नमक से दांत साफ किए हैं।

🙏हम निश्चित ही वो लोग हैं

जिन्होंने चांदनी रातों में, रेडियो पर BBC की ख़बरें, विविध भारती, आल इंडिया रेडियो, बिनाका गीत माला और हवा महल जैसे प्रोग्राम पूरी शिद्दत से सुने हैं।

🙏हम वो आखरी लोग हैं

जब हम सब शाम होते ही छत पर पानी का छिड़काव किया करते थे।
उसके बाद सफ़ेद चादरें बिछा कर सोते थे। बहुत समय बाद एक स्टैंड वाला काला पंखा सब को हवा के लिए हुआ करता था। सुबह सूरज निकलने के बाद भी ढीठ बने सोते रहते थे।वो सब दौर बीत गया। चादरें अब नहीं बिछा करतीं। डब्बों जैसे कमरों में कूलर, एसी के सामने रात होती है, दिन गुज़रते हैं।

🙏हम वो आखरी पीढ़ी के लोग हैं

जिन्होने वो खूबसूरत रिश्ते और उनकी मिठास बांटने वाले लोग देखे हैं, जो लगातार कम होते चले गए। अब तो लोग जितना पढ़ लिख रहे हैं, उतना ही खुदगर्ज़ी, बेमुरव्वती, अनिश्चितता, अकेलेपन, व निराशा में खोते जा रहे हैं।

और

🙏हम वो खुशनसीब लोग हैं, जिन्होंने रिश्तों की मिठास महसूस की है…!!

🙏 और हम इस दुनियाँ के वो लोग भी हैं जिन्होंने एक ऐसा “अविश्वसनीय सा” लगने वाला नजारा देखा है।आज के इस करोना काल में परिवारिक रिश्तेदारों (बहुत से पति-पत्नी , बाप – बेटा ,भाई – बहन आदि ) को एक दूसरे को छूने से डरते हुए भी देखा है।

🙏 पारिवारिक रिश्तेदारों की तो बात ही क्या करे खुद आदमी को अपने ही हाथ से अपनी ही नाक और मुंह को छूने से डरते हुए भी देखा है।

🙏 ” अर्थी ” को बिना चार कंधों के श्मशान घाट पर जाते हुए भी देखा है।
“पार्थिव शरीर” को दूर से ही “अग्नि दाग” लगाते हुए भी देखा है।🙏

🙏हम आज के भारत की एकमात्र वह पीढी हैं जिसने अपने ” माँ-बाप “की बात भी मानी और आज ” बच्चों ” की भी मान रहे है।
🙏
…………..
एक बात बोलूँ इंकार मत करना दोस्तो, ये मैसेज जितने मर्जी लोगों को भेजना क्योंकि जो इस मैसेज को पढेगा, उसको उसका बचपन जरुर याद आयेगा. वो आपकी वजह से अपने बचपन में चला जाएगा , चाहे कुछ देर के लिए ही सही।
और ये आपकी तरफ से उसको सबसे अच्छा गिफ्ट होगा.
🌹 तंदुरुस्त रहें मस्त रहें 🌹